चलना है चलना है, बस चलते जाना है
चलती है साँसे , चलती है जिंदगी
जो थम जाये तो सब कुछ ख़तम
राह में किसी मुकाम पर चलते पाँव
जो जम गए तो कुछ रहा न हमदम
जिंदगी बाज़ी है, हार कर भी जीत जाना है
चलना है चलना है बस चलते ही जाना है
पल जो आनेवाला है,पल भर का कारवां है
पल भर को ठहरेगा,आगे को चल पड़ेगा
बातें बीत जाएँगी, कुछ दास्तानें रह जाएँगी
लाख ढुंढोगे पर कहीं मिलता नहीं निशाना है
चलना है चलना है बस चलते ही जाना है
हर घंटे पे, क्या घडी के कांटे क्या रुकते है ?
इस मंजिल पे ही, फिर आज कदम क्यों रुकते है?
मंजिल नहीं, ये तो बस राह का एक कदम है
ऐसे कितने क़दमों को तो आना और जाना है
चलना है चलना है बस चलते ही जाना है
दूर तलक फलक पे सितारे भी हैं
बादलों के दिलकश नज़ारे भी है
पर सूरज चाँद अपनी मंजिल नहीं
चाँद तारों से आगे अपना ठिकाना है
चलना है चलना है बस चलते जाना है
साथी छुट गए सब,छुटा पीछे मेला है
निकल पडा हूँ लेके बस जोश और जूनून
कोई ग़म नहीं, क्या हुआ जो कारवां अकेला है
साहिल में आज रोता हूँ , तूफान में जो मुस्कुराना है
चलना है चलना है बस चलते जाना है
कांटे है राह में,आसान नहीं कुछ मंजिल
मुश्किलें है, पर आँखों में सपने है
थके कदम,फूलती सांसे,सुख रहे लैब,
बस आ पहुंचे ,कुछ दूर नहीं अब
बस थोडा, दो चार कदम और चलना है
चलना है चलना है बस चलते ही जाना है